धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय Dhirubhai Ambani Biography - All in hindi

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सोमवार, 25 मार्च 2019

धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय Dhirubhai Ambani Biography


धीरूभाई अंबानी- धीरूभाई अंबानी का पूरा नाम धीरजलाल हीरालाल अंबानी है जिनको अधिकतर धीरूभाई अंबानी के नाम से जाना जाता है इनको देश ही नहीं पूरी दुनिया मैं बिजनेस की दुनिया का बेताज बादशाह कहा जाता है !

धीरूभाई अंबानी का नाम उन सफल लोगों की लिस्ट में शुमार है जिन्होंने सपने देखे और उन सपनों को अपने दम पर पूरा भी किया उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदल कर पूरी दुनिया के सामने यह साबित कर दिया कि खुद पर कुछ करने का जुनून हो तो सफलता अवश्य ही कदम चूमेगी, दुनिया सलाम करेगी धीरूभाई अंबानी का मानना था कि आगे बढ़ने के लिए सपने देखना जरूरी है जो सपने देखने की हिम्मत करते हैं वह पूरी दुनिया को जीत सकते है
                               धीरूभाई अंबानी

                    पूरा नाम- धीरजलाल हीरालाल अंबानी
                        जन्म-      28 दिसंबर 1932
                       जन्म स्थान- जूनागढ़ गुजरात
                          पिता- हीरालाल अंबानी
                          माता- जमनाबेन अंबानी
                              पत्नी- कोकिलाबेन

धीरूभाई अंबानी ने शुरू से ही बड़े बिजनेस कारोबारी बनने की सपने देखे और उन सपनों को पूरा करने के लिए जी जान से जुट गए धीरूभाई अंबानी अपनी पूरी मेहनत लगा दी और उसी मेहनत का नतीजा है उनके द्वारा खड़ी की गई रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है और उनका अंबानी परिवार सबसे धनी परिवारों की लिस्ट में शुमार है !

लेकिन क्या आपको पता है धीरूभाई अंबानी ने एक छोटे से व्यापारी से बड़े बिजनेसमैन बनने तक का सफर यूं ही नहीं पूरा कर लिया धीरूभाई अंबानी जीने तमाम संघर्ष किए उनकी राह में बहुत अधिक बाधाएं थी आपको बता दें उन्होंने केवल ₹300 प्रति माह की वेतन के साथ अपने कैरियर की शुरुआत की और अपनी मेहनत तथा प्रतिभा के दम पर कई मुकाम हासिल की तथा अरबों खरबों के मालिक बन गए वहीं अगर धीरूभाई अंबानी जी की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने केवल दसवीं क्लास तक ही पढ़ाई की थी लेकिन उनका इरादा किसी मास्टर डिग्री हासिल करने वालों से भी ऊंचा था उन्होंने अपनी मेहनत और मजबूत दृढ़ संकल्प से एक बड़ा व्यापारिक और औद्योगिक साम्राज्य स्थापित किया बेहद कम समय में उन्होंने अपने छोटे से कारोबार को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में बदल डाला धीरूभाई अंबानी जी के द्वारा खड़ी की गई कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ना केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए हैं !

रिलायंस इंडस्ट्रीज का भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी बड़ा योगदान है रिलायंस भारत में एक बड़ी व्यवसायिक ताकत का नेतृत्व करती है धीरूभाई अंबानी जी ने अपने जीवन में बहुत बड़े-बड़े रिस्क उठाए हैं तथा रिस्क उठाकर साबित कर दिया कि बिना रिस्क उठाएं सफलता को नहीं छुआ जा सकता बिजनेस में रिस्क या जोखिम सफलता की सीढ़ी है!

धीरूभाई अंबानी जी का शुरुआती जीवन Early Life Of Dhirubhai ambani-
धीरूभाई अंबानी उर्फ धीरजलाल हीराचंद अंबानी एक बहुत ही साधारण परिवार में जन्मे थे उनका जन्म 28 दिसंबर 1932 को गुजरात के जूनागढ़ के छोटे से गांव चोरवाड़ में हुआ था उनके पिताजी गोवर्धन भाई बेहद सभ्य और शांत स्वभाव के शिक्षक थे तथा उनकी माता जी जमुनाबेन धार्मिक स्वाभाव की घरेलू महिला थी !
जो कि अपने बच्चों तथा परिवार की देखभाल करती थी धीरूभाई अंबानी के परिवार में चार भाई बहन थे धीरूभाई अंबानी जी के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने का उनके जीवन पर गहरा असर पड़ा और वह अपने पिता की मदद करने के लिए उठ खड़े हुए और छोटे-मोटे काम करने लगे यहीं से उनके कारोबारी जीवन की शुरुआत हुई !


धीरूभाई अंबानी जी के कारोबारी जीवन की शुरुआत धीरूभाई अंबानी जी को विरासत में केवल गरीबी ही मिली थी उन्होंने बहुत छोटे छोटे से कामों से अपने कारोबारी जीवन की शुरुआत की उन्होंने पकोड़े बेचने शुरू की जी हां धीरूभाई अंबानी जी ने अपने शुरुआती दिनों में छुट्टियों के दिन गिरनार पर्वत पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को चाट पकौड़े बेचकर की थी आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले वह फल तथा नाश्ता भी बेचा करते थे लेकिन उन्हें इस काम में कुछ खास फायदा नहीं होता था तो उन्होंने सोचा गिरनार पर्वत पर एक टूरिस्ट प्लेस है जहां पर चाट पकौड़े बेचकर वे खासा मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन फिर भी यह व्यापार पूरी तरह से पर्यटन तथा पर्यटकों के आने वाली संख्या पर निर्भर था जो कि कुछ समय अच्छा चलता और बाकी समय में कम फायदा होता था जिसके चलते धीरूभाई अंबानी जीने इसे बंद कर दिया इन छोटे धंधों में सफलता ना मिलने के बाद उनके पिता श्री ने उन्हें नौकरी करने की सलाह दी जिसके बाद भेजें नौकरी करने यमन चले गए उस समय उनकी उम्र केवल 16 वर्ष की थी धीरूभाई अंबानी जी अपनी पहली जॉब 'A.BESSE' नामक कंपनी में ऐडन शहर में केवल ₹300 महीने पर की थी वहीं 2 साल बाद 'A.BESSE' कंपनी 'SHELL PRODUCTS' की डिस्ट्रीब्यूटर बन गयी और धीरूभाई अंबानी जी का प्रमोशन हो गया और भी कंपनी के फीलिंग स्टेशन के मैनेजर बन गए!

दो छोटी घटनाएं उनके व्यापार के प्रति जुनून को बयां करती हैं जब धीरूभाई अंबानी शैल कंपनी में कार्यरत थे जहां भी काम करते थे वहां के कर्मचारियों को 25 पैसे मैं चाय मिलती थी लेकिन धीरूभाई अंबानी जी पास ही बने हैं बड़े होटल में चाय पीने जाते थे जहां पर चाय एक रुपए की मिलती थी उनसे इस बात का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बड़े बड़े होटल में बड़े-बड़े व्यापारी आते हैं और बिजनेस व्यापार के बारे में बातें करते हैं मैं उन बातों को सीखने और समझने के लिए वहां जाता हूं ताकि मैं भी व्यापार की कारोबार की बारीकियां समझ सकूं !

धीरूभाई अंबानी जी ने अपने अलग तरीके से बिजनेस मैनेजमेंट की शिक्षा की उन्होंने आगे चलकर व्हाटर्न और हावर्ड से पारंपरिक तरीके से डिग्री लेने वालों को नौकरी पर रखा !
इसी तरह उनसे जुड़ी दूसरी कहानी भी उनकी पारखी नजर तथा अवसर भुनाने की क्षमता की ओर इशारा करती है हुआ यूं कि उन दिनों यमन मैं चांदी के सिक्कों का चलन था धीरूभाई अंबानी जी को पता चला की इन सिक्कों की चांदी का मूल्य सिक्कों के मूल से ज्यादा है और उन्होंने लंदन की एक कंपनी को इन सिक्कों को बुलाकर आपूर्ति शुरू कर दी यमन की सरकार को जब इस बात का पता चला तब तक वे बहुत फायदा उठा चुके थे यह दोनों घटनाएं बताती हैं की धीरूभाई अंबानी के पास एक सफल बिजनेसमैन के सारे गुण थे!

रिलायंस कंपनी की शुरुआत Start Of Reliance Company- जब धीरूभाई अंबानी जी यमन में रह रहे थे उसके कुछ समय बाद यमन में आजादी के लिए आंदोलन शुरू हुए हैं जिसकी वजह से वहां रह रहे भारतीयों के लिए व्यापार के सारे रास्ते बंद कर दिए गए जिसके बाद धीरूभाई अंबानी को साल 1962 में यमन से भारत वापस लौटना पड़ा यह समय धीरूभाई अंबानी जी के जीवन का वह समय था कि जब ना तो उनके पास नौकरी थी ना ही कारोबार शुरू करने के लिए पैसा था ऐसे में उन्होंने अपने चचेरे भाई चंपकलाल दमानी के साथ मिलकर पॉलिस्टर धागे और मसालों के आयात निर्यात का काम शुरू कर दिया !

इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने केवल ₹15000 की राशि के साथ रिलायंस कमर्शियल कारपोरेशन की शुरुआत की मस्जिद बंदर के नरसिमा स्ट्रीट पर एक छोटे से ऑफिस के साथ की थी और वहीं से रिलायंस कंपनी का उदय हुआ वही उस समय धीरूभाई अंबानी जी का परिवार भुलेश्वर स्थित जय हिंद स्टेट में एक छोटे से अपार्टमेंट में रहता था!
आपको बता दें कि भारतीय टायकून श्री धीरूभाई अंबानी जी का इरादा पॉलिएस्टर यार्न को आयात करने और मसाले निर्यात करने का था इसके साथ ही आपको यह भी बताते चलें कि रिलायंस कॉरपोरेशन का पहला ऑफिस नारसीनाथान स्ट्रीट में बना था!

जो कि महज 350 स्क्वायर फीट का एक कमरा था जिसमें सिर्फ एक टेलीफोन एक टेबल और तीन कुर्सियां थी शुरू में उनके पास सिर्फ दो कर्मचारी थे जो कि उनके काम में उनकी मदद करते थे असल में धीरूभाई अंबानी जी और चंपकलाल दमानी जी दोनों का स्वभाव और बिजनेस का तरीका एक दूसरे से भिन्न या अलग अलग था इसी वजह से सन 1965 में धीरूभाई अंबानी जी ने चंपकलाल दमानी जी के साथ बिजनेस में पार्टनरशिप खत्म कर दी और अपने दम पर बिजनेस की शुरुआत की दरअसल चंपकलाल दमानी एक सतर्क व्यापारी थे उन्हें सूट बनाने के काम में कोई रुचि नहीं थी वह जोखिम उठाने में विश्वास नहीं रखते थे जबकि धीरूभाई अंबानी जी को जोखिम उठाने वाला व्यापारी माना जाता है इसके बाद धीरुभाई अंबानी जी ने सूत के कारोबार में अपनी किस्मत आजमाई और सकारात्मक सोच के साथ बिजनेस की शुरुआत की!

आखिर धीरूभाई अंबानी जी ने अपने बिजनेस का नाम रिलायंस ही क्यों रखा Why Dhirubhai Ambani Ji Named His Business As Reliance ?-
जब मिस्टर धीरूभाई अंबानी जी एडेन में काम कर रहे थे तब उनके एक दोस्त मिस्टर प्रवीण भाई ठक्कर ने रिलायंस स्टोर नाम से अपना एक स्टोर शुरू किया था जोकि धीरूभाई अंबानी जी को बहुत पसंद आया और उन्होंने अपने बिजनेस का नाम भी रिलायंस रखा!

रिलायंस टैक्सटाइल की शुरुआत Start Of Reliance Textiles- कई वर्षों के अनुभव के बाद श्री धीरूभाई अंबानी जी को कपड़े के कारोबार की अच्छी खासी समझ हो चुकी थी इस व्यापार में अच्छे मौके मिलने की वजह से उन्होंने वर्ष 1966 में अहमदाबाद के नैरोड़ा में एक कपड़ा मिल की स्थापना की जहां पर कपड़ा बनाने मे पॉलिस्टर के धागों का इस्तेमाल हुआ और फिर धीरूभाई अंबानी जी ने इस ब्रांड का नाम विमल vimal रखा!
धीरूभाई अंबानी जी ने कपड़ों के पहले ब्रांड का नाम विमल Vimal क्यों रखा?- इस ब्रांड का नाम विमल धीरूभाई अंबानी के बड़े भाई रमणिकलाल अंबानी के बेटे विमल अंबानी के नाम पर रखा गया और इस ब्रांड का पूरे भारत में खूब जमकर प्रचार प्रसार किया गया और धीरे धीरे विमल Vimalब्रांड भारत के बड़े तथा छोटे-छोटे इलाकों में रहने वाले व्यक्तियों के दिलों में घर कर गया!

वर्ष 1975 में विश्व बैंक की टेक्नीशियन कमेटी ने रिलायंस टैक्सटाइल के निर्माण इकाई का दौरा किया और उसे विकसित देशों के मानकों से भी ज्यादा अच्छा तथा उच्च गुणवत्ता वाला बताया!

सन 1980 के दशक में धीरूभाई अंबानी जी ने पॉलिस्टर फिलामेंट यार्न निर्माण का लाइसेंस सरकार द्वारा ले लिया और उसके बाद लगातार धीरूभाई अंबानी जी की सफलता का सूरज चढ़ता गया इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा!

धीरूभाई अंबानी जी का व्यक्तिगत परिचय Personal Introduction Of Dhirubhai Ambani- इसी बीच उनकी शादी कोकिलाबेन (Dhirubhai Ambani Wife) के साथ हुई जिनसे की उनको दो बेटे मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और अनिल अंबानी (Anil Ambani) और दो बेटियां नीना कोठारी(Nina Kothari) और दीप्ति सल्गोनकर (Deepti Salgonkar) हुई उनके दोनों बेटे आज भी अपने पिता के बताए रास्ते पर चल कर व्यापार की दुनिया में नाम कमा रहे हैं!

रिलायंस की शेयर बाजार में शुरुआत Reliance Industries Share-  भारत में इक्विटी कल्चर की शुरुआत का श्रेय भी श्री धीरुभाई अंबानी को ही जाता है आपको बता दें कि 1977 में रिलायंस ने आईपीओ जारी किया था तब 58000 से भी ज्यादा निवेशकों ने उसमें निवेश किया था और रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर उस समय 7 गुना हाई प्रीमियम पर लिस्ट हुआ था जो निवेशकों का धीरूभाई अंबानी के प्रति विश्वास दर्शाता है उन्होंने हमेशा निवेशकों के हित के लिए सोचा!

रिलायंस इंडस्ट्रीज विस्तार Reliance Industries Expansion- भारतीय टायकून धीरूभाई अंबानी जी ने अपने जीवन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के कारोबार का विस्तार कई अलग-अलग क्षेत्रों में किया इनमें मुख्य रूप से पेट्रोकेमिकल्स टेलीकॉम इंडस्ट्री सूचना प्रौद्योगिकी ऊर्जा बिजली रिटेल कपड़ा टेक्सटाइल पूंजी बाजार और प्रचालन तंत्र और भी कई शामिल है!

वहीं अब धीरूभाई अंबानी जी के दोनों बेटे नए मौकों का इस्तेमाल कर कंपनी को और आगे ले जा रहे हैं बहुत कम पैसे से शुरू की गई तथा एक कमरे से स्टार्ट की गई कंपनी मैं साल 2017 तक 1 लाख 88 हजार एंप्लॉय थे भारत सरकार के पूरे टैक्स में 5% से भी ज्यादा रिलायंस इंडस्ट्रीज का योगदान है संपत्ति के हिसाब से दुनिया की 500 सबसे धनी कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज को शामिल किया गया इसके अलावा धीरूभाई अंबानी जी को एशिया के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में शामिल किया जा चुका है!

धीरूभाई अंबानी जी पर कई आरोपों को भी लगाया गया Many Serious Allegations Against Dhirubhai Ambani-
जब व्यक्ति बड़े मुकाम पर पहुंचता है तो आरोप-प्रत्यारोप लगना बहुत छोटी बात है इसी के चलते धीरूभाई अंबानी जी ने कई आरोपों को भी खेला है धीरूभाई अंबानी जी पर आरोप लगा कि उन्होंने सरकारी मशीनरी को अपने अनुरूप ढाला यहां तक भी कहा गया कि उन्होंने अपने प्रतिस्पर्धीओ  को भी सरकारी नीतियों के द्वारा माता दी फिर भी श्री धीरूभाई अंबानी जी पर इन सब आलोचनाओं का कोई असर नहीं हुआ और वे अपने लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़ते रहे!

धीरूभाई अंबानी को मिले हुए पुरस्कार Dhirubhai Ambani Award- धीरूभाई अंबानी जी के इस असाधारण कार्य के लिए उन्हें कई सारे पुरस्कारों से भी नवाजा गया
       पुरस्कार                                                वर्ष
(1) बिजनेस वीक स्टार ऑफ द एशिया            29 जून 1998
(2)व्हार्टन डीन मॉडल
    फॉर धीरूभाई अंबानी                            15 जून 1998
(3)एशिया वीक हाॅल आफ द फेम               16                                                                            अक्टूबर1998
(4)एक्सपर्ट फ्रॉम एशिया वीक               29 मई 1998
(5)बिजनेस इंडिया बिजनेस
मैन ऑफ द ईयर                                 31 अक्टूबर1999
(6)बिजनेस वारो इंडियन
    बिजनेस ऑफ द ईयर                           6 दिसंबर1999
(7)टी एन एस मोड सर्वे इंडियाज
    मोस्ट एडमायरड सीईओ                    26 जुलाई 1999
(8)द टाइम्स ऑफ इंडिया क्रिएटर
    ऑफ द वेल्थ द सेंचुरी                       8 जनवरी 2000
(9)द एक्सपोर्ट फॉर्म एशिया वीक            26 मई 2000
(10)फिक्की इंडियन
     आंत्र प्रन्योर ऑफ द 20 सेंचुरी           24 मार्च 2000
(11)कैम टेक फाउंडेशन मैन
    ऑफ द सेंचुरी अवॉर्ड                         8 नवंबर 2000
(12)द इकोनॉमिक टाइम्स
    लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार            10 अगस्त 2001

मिस्टर धीरूभाई अंबानी जी के द्वारा कही गई 5 बड़ी बातें 5 Big Things Told By Mr. Dhirubhai Ambani-
(1)जो सपने देखने की हिम्मत करते हैं वह पूरी दुनिया को जीत सकते हैं
(2)कठिन समय में भी अपने लक्ष्य को मत छोड़िए और विपत्ति को अवसर में बदलिए
(3)व्यापार की जानकारी रिस्क लेने से आती हैं
(4)बड़ा सोचो, जल्दी सोचो ,आगे सोचो, विचारों पर किसी का अधिकार नहीं होता
(5)तुमको जो आता है तुम बो करो बाकी सब कुछ छोड़ दो


धीरूभाई अंबानी की मृत्यु Dhirubhai Ambani Death- धीरूभाई अंबानी जी को 24 जून 2002 में हार्ट में समस्या की वजह से ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल मुंबई में भर्ती करवाया गया जहां उन्हें दूसरा हार्ट अटैक आया उन्हें पहला अटैक 1986 में आया था जिसकी वजह से उनका दाया हाथ काम नहीं करता था उस समय 1 हफ्ते से भी ज्यादा समय तक वह कोमा में रहे थे और कई डॉक्टरों की टीम ने उनका इलाज किया था अंत में 6 जुलाई 2002 को विलक्षण प्रतिभा के धनी श्री धीरूभाई अंबानी जीने इस दुनिया को अलविदा कह दिया और उनकी मृत्यु हो गई!

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