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Mediation |
मेडिटेशन MEDIATION क्या है -नमस्कार दोस्तों आशा करता हूं आप सब अच्छे होंगे आइए आज बात करते हैं मेडिटेशन MEDIATION यानी ध्यान के बारे में आजकल व्यक्ति के जीवन में इतनी भागदौड़ तथा व्यस्तता है कि वह अपने शरीर का अपने दिमाग का ध्यान ही नहीं रख पाता मनुष्य जीवन की आपाधापी में इतना घिरता जा है कि उसे पता ही नहीं कि उसके शरीर की तथा दिमाग की कुछ जरूरतें भी हैं हर व्यक्ति आजकल तनाव में रहता है व्यक्ति को तनाव मुक्त रहने के लिए ध्यान MEDIATION की जरूरत पड़ती है क्योंकि ध्यान MEDIATION ही मनुष्य को मानसिक तनाव से दूर कर शांति दे सकता है meditation देश नहीं पूरी दुनिया मैं अपनी अलग पहचान बना चुका है जिस ध्यान MEDIATION मेडिटेशन की बात आज दुनिया करती है उसे हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों साल पहले लोगों के सामने लाए थे आध्यात्मिक गुरुओं ने कई तरह के ध्यान यानी MEDIATION मेडिटेशन को विकसित किया मेडिटेशन MEDIATION का तरीका सही या गलत नहीं होता जरूरी यह है कि आपको कौन सा प्रकार सूट करता है!
क्या है ध्यान यानी मेडिटेशन
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के फायदे- आधुनिक रिसर्च का कहना है कि
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ध्यान मानसिक तनाव से राहत दिलाने का स्थाई समाधान है यह दिमाग के साथ साथ इमोशनल हेल्थ को भी ठीक रखता है मैडिटेशन ध्यान से कई तरह की गंभीर बीमारियां जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग,सिर दर्द, तनाव ,अनिद्रा ,डिप्रेशन, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम ,दर्द ,अस्थमा, बेचैनी ,और कैंसर का इलाज किया जा सकता है!
एक दिन मैं कितनी बार
MEDIATION
ध्यान करना चाहिए -रोज दिन में 1 से लेकर तीन बार तक ध्यान कर सकते हैं जिसका कोई नुकसान नहीं है! आपके लिए किस प्रकार का
MEDIATION
ध्यान उत्तम रहेगा- ध्यान से आप उसी पल में जीना सीखते हैं अतीत तथा भविष्य की चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं इससे आप अपने विचारों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं यह एकाग्रता और जागरूकता का मेल है यह मेडिटेशन बौद्ध शिक्षा और अध्ययन से शुरू हुई थी और रिसर्च में पाया गया सचेतन ध्यान से व्यक्ति के रिश्तो में संतुष्टि गुस्से को कम करना एकाग्रता को बढ़ाना और मेमोरी यानी याददाश्त को मजबूत कर नकारात्मक भावनाओं को कम किया जा सकता है! मेडिटेशन कैसे करें - चटाई कुशन या कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं अपनी सांसो पर ध्यान केंद्रित करें जैसे कि सांस अंदर लेना और बाहर छोड़ना सांस छोड़ते समय मन में यह भाव रखें आपके शरीर से सारी बीमारियां बाहर जा रही हैं सांस अंदर लेते समय मन में यह भाव रखें कि आपके शरीर में एक नई ऊर्जा प्रवेश कर रही है जो कि शरीर के सारे रोगों का खात्मा करेगी और आपको स्वस्थ करेगी !
मेडिटेशन के प्रकार
(1)- loving kindness meditation लविंग और काइंड नेस मेडिटेशन-- इस मैडिटेशन को मेटा मेडिटेशन के नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब है दयालुता उदारता और सद्भावना गहराई से सांस लेने और दिमाग को खोल कर प्यार और दयालुता पाने को लविंग काइंड नेस मेडिटेशन कहा जाता है ध्यान करने का प्रमुख कारण है कि दूसरों के प्रति प्यार और दयालुता प्रकट करना !
क्या यह आपके लिए है- अगर आप चिड़चिड़ा रहते हैं आपको हमेशा गुस्सा होता है तो आपको मेडिटेशन की इस प्रक्रिया को अवश्य करना चाहिए इससे आपको अवश्य लाभ होगा!
कैसे करें- ध्यान की मुद्रा में बैठ जाए और अपनी आंखों को बंद कर ले खुद के प्रति प्रेम व्यक्त करने की कल्पना करें और फिर धीरे धीरे दूसरों के प्रति ऐसा महसूस करने का प्रयास करें!
(2)- मंत्र मेडिटेशन
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मंत्र- मेडिटेशन को ओम मेडिटेशन कहा जाता है जो कि एक हिंदू मेडिटेशन टेक्निक है ओम एक पवित्र शब्द है जिससे दिमाग को शांति मिलती है इस मंत्र का जाप करने से आपका दिमाग एकाग्र हो जाता है और आप अपने आसपास के वातावरण से मेल खा पाते हैं जिसका वर्णन ऋषि-मुनियों ने भी किया है!क्या यह आपके लिए है- कई लोगों को मंत्र में डिटेक्शन बहुत आसान लगता है क्योंकि आपको इसमें सांसो पर ध्यान लगाने की जगह मंत्र पर ध्यान केंद्रित करना होता है
कैसे करें- अपनी स्पाइन को सीधा रखकर बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें अब अपने मन में या ऊंचे स्वर में ओम का उच्चारण करें!
(3) ट्रांस डेटल मेडिटेशन
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- यह मंत्र मेडिटेशन का एक विशेष रूप है यह ध्यान के तरीके में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है वैज्ञानिकों ने भी इस मैडिटेशन के फायदों के बारे में बताया है इससे तनाव, ब्लड प्रेशर ,बेचैनी और हृदय रोग का खतरा एवं स्ट्रोक का खतरा कम होता है यह अनिद्रा को दूर कर दिमाग को तेज करता है तथा मेमोरी पावर यानी याददाश्त को भी बढ़ाता है!क्या यह आपके लिए है- यह मेडिटेशन
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उन लोगों को सूट करता है जिन्हें संरचना पसंद होती हैं जो मेडिटेशन का अभ्यास करने के लिए गंभीर होते हैं!कैसे करें- इस मैडिटेशन को करने के लिए एक मंत्र या शब्द के आधार पर ध्यान केंद्रित करना होता है एक शिक्षक उस वर्ष के आधार पर मंत्र निर्धारित करता है जिस पर चिकित्सक पैदा हुआ था यह जिस वर्ष शिक्षक को प्रशिक्षित किया गया इसके बाद शिक्षक लोगों को अपना मंत्र चुनने के लिए कहता है दिन में दो या तीन बार 15:20 मिनट के लिए आंखें बंद करके इस मंत्र का उच्चारण किया जा सकता है!
(4)- एकाग्रता मेडिटेशन- इस मैडिटेशन में आपको 5 में से किसी भी सेंसस पर ध्यान लगाना होता है जैसे कि सांस लेने या चलने की आवाज आदि!
क्या यह आपके लिए है- नए अभ्यास करता हूं के लिए यह मेडिटेशन मुश्किल होता है लेकिन अगर आप अपनी जिंदगी में एकाग्रता की तलाश में हैं तो आपको मेडिटेशन ध्यान की यह क्रिया अवश्य करनी चाहिए!
कैसे करें- गहरी सांस लें और पेट को चौड़ा करें कंधों को आराम दें और 6:00 तक गिनती करें सांस छोड़ें और दोबारा दोहराएं अब सामान्य तरह से सांस लें और सांस लेने पर ध्यान लगाएं!
(5)- कुंडलिनी योग- यह मेडिटेशन
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का सक्रिय रुप है जो कि दिमाग को सहारा देने से किया जा सकता है इसमें शरीर सांस मुद्रा तथा मंत्र एकाग्रता का इस्तेमाल करता है यह दर्द कम करने के साथ ही मानसिक सेहत को भी सुधार ता है!कैसे करें- शरीर को सीधा और आलती प पालथी मारकर बैठ जाएं और आंखें बंद करें और अपने दोनों हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में लाएं और अपनी पसंद के अनुसार मंत्र का उच्चारण करें!
(6) जेन मैडिटेशन- इसे कई बार जजन के नाम से भी पुकारा जाता है ध्यान किस प्रकार में कई स्टेप्स और पाश्चर होते हैं जैन मेडिटेशन में दो प्रकार इसे ध्यान किया जाता है एक सांस पर ध्यान केंद्रित करने से और एक बैठकर करने से इसमें आत्मविश्वास बढ़ता है और संचालन करने की क्षमता मैं वृद्धि होती है और क्रोध कम आता है!
क्या यह आपके लिए है- अगर आपको शांति और अध्यात्म के मार्ग पर चलना है तो आपको यह क्रिया अवश्य करनी चाहिए!
कैसे करें- जमीन पर चटाई बिछाकर लोटस पोजिशन में बैठ जाएं इसमें सीटेट मेडिटेशन में ध्यान लगाता है
जरूरी तथ्य- मेडिटेशन के और भी कई प्रकार होते हैं जिन्हें आप कई क्रियाओं के साथ मेला भी सकते हैं !
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Good job
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